Public Holiday बिहार सरकार ने वर्ष 2026 के लिए छुट्टियों की सूची को अंतिम रूप देते हुए सार्वजनिक कर दिया है। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा तैयार प्रस्ताव को मंत्रिमंडल की स्वीकृति मिलने के बाद यह कैलेंडर जारी हुआ। इस बार कुल 44 अवकाश तय किए गए हैं जिनमें राष्ट्रीय, सामान्य, सार्वजनिक और ऐच्छिक छुट्टियाँ सम्मिलित हैं। सरकार का मानना है कि इस फैसले से जहाँ कर्मचारियों को राहत मिलेगी वहीं आम जनता को भी त्योहारों और विशेष अवसरों पर सुविधा प्राप्त होगी। छुट्टियाँ तय करते समय धार्मिक और सामाजिक संतुलन को ध्यान में रखा गया है ताकि सभी वर्गों को बराबर अवसर मिले।
सामान्य एवं सार्वजनिक अवकाश
जारी सूची के अनुसार 11 दिन सामान्य अवकाश घोषित किए गए हैं। इन दिनों सरकारी दफ्तर पूरी तरह से बंद रहेंगे और किसी भी तरह का आधिकारिक कार्य नहीं होगा। इसके अलावा 15 दिन सार्वजनिक अवकाश भी निर्धारित किए गए हैं, जिन दिनों पर बैंक, शिक्षण संस्थान और सरकारी कार्यालय बंद रहेंगे। इन तिथियों का चयन राज्य के प्रमुख त्योहारों और महत्वपूर्ण मौकों को ध्यान में रखकर किया गया है। इससे कर्मचारी और नागरिक दोनों ही अपने पारिवारिक व सांस्कृतिक आयोजनों में सहज रूप से भाग ले सकेंगे।
ऐच्छिक छुट्टियों की सुविधा
कैलेंडर में इस बार 17 दिन ऐच्छिक अवकाश का प्रावधान रखा गया है। कर्मचारी अपनी निजी जरूरतों या धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इन छुट्टियों का उपयोग कर सकेंगे। इसके लिए प्रक्रिया सरल और पारदर्शी रखी गई है। सरकार का कहना है कि यह पहल कर्मचारियों को मानसिक शांति और व्यक्तिगत जीवन के लिए पर्याप्त समय उपलब्ध कराएगी। परिणामस्वरूप कार्यस्थल पर उनकी उत्पादकता और प्रदर्शन भी बेहतर होगा।
वार्षिक लेखाबंदी दिवस
2026 के लिए सरकार ने एक दिन वार्षिक लेखाबंदी अवकाश का भी निर्धारण किया है। इस दिन सभी विभागों में कार्य पूरी तरह से स्थगित रहेगा। इसका उद्देश्य पूरे वर्ष के वित्तीय लेन-देन का समापन और आगामी योजनाओं की समीक्षा करना है। सरकार का मानना है कि इससे प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता और अनुशासन को बढ़ावा मिलेगा तथा भविष्य की योजनाएँ अधिक सटीक रूप से बन सकेंगी।
धार्मिक विविधता और सामाजिक सौहार्द
अवकाश कैलेंडर में हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों के प्रमुख त्योहारों को समान रूप से शामिल किया गया है। सरकार चाहती है कि किसी भी वर्ग को उपेक्षित महसूस न हो और सभी धर्मों को बराबर महत्व मिले। इससे राज्य में भाईचारे और धार्मिक सद्भाव का माहौल मजबूत होगा। छुट्टियों की यह सूची न केवल बिहार की सांस्कृतिक विविधता को दर्शाती है बल्कि सामाजिक संतुलन और एकता को भी बढ़ावा देती है।
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